यह मंदिर पुराने कटले के पास हजारी मौहल्ला अलवर में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर वल्लभकुल संप्रदाय का मंदिर है। मंदिर का निर्माण माँ जी साहिबा राठौड़ए श्रृंगार कुंवरी राठौड़ के द्वारा विक्रमी संवत् 1958 में करवाया गया। इसी संवत् में मंदिर श्री मथुराधीश जी में प्राण प्रतिष्ठा हुई। मंदिर में मुख्य 2 प्रतिमाएँ काले पाषाण से निर्मित एवं पीतल की मूर्ति हैं। उक्त मंदिर की दीवारे भूरे पत्थर से निर्मित हैए जिन पर बारीक कारीगरी की गई है। यह मंदिर नागर शैली के मंदिरो की तरह ऊँचे चबूतरे पर निर्मित है। मंदिर की भीतरी दीवारो पर खूबसूरत चित्रकारियाँ की गई हैं। इस मंदिर में पाटोत्सव, जन्माष्टमी, अन्नकूटए, होली, शरद पूर्णिमा इत्यादि उत्सव मनायें जाते हैं। यह मंदिर राजकीय आत्मनिर्भर श्रेणी का मंदिर होकर देवस्थान विभाग द्वारा नियंत्रित एवं प्रबंधित हैं।रमा भी करते हैं।
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